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खूबसूरत_गलती..
आज यूंही उसकी गली से गुज़र आया,
कई बदलाव थे, कई लोग अनजान थें,
फिर गलीके एक छोर आकर मैं रुक गया
उसके घर का दरवाजा एकदम से खुला
और सामने महबूब इतराते हुए खड़े थें..
ना मैंने अपनी पहचान दी, ना कोई
इशारा उनके तरफ़ रुखसत किया..
वो कयामत ढा ती रहीं और हम
कुछ पल मौसम का मजा लेते रहें..
बिना कुछ कहें उन्होंने पहचान लिया
नज़रों से नजरें मिली कई बातें हुई..
जानी पहचानी तकलीफ सीने में हुई,
ना हम उफ्फ कर पाए, ना अफसोस
सिलसिले बस ख़तम कर के आए हैं,
शायद हम फिर खूबसूरत गलती
आज दोहरा कर आए हैं..!
- ✍ मृदुंग®
kshanatch@gmail.com
+९१ ७३८७९ २२८४३
Read my thoughts on @YourQuoteApp at https://yq.app.link/IumobxeTvP
#writer #author #stories #books #coffee #tea #storyteller
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कई बदलाव थे, कई लोग अनजान थें,
फिर गलीके एक छोर आकर मैं रुक गया
उसके घर का दरवाजा एकदम से खुला
और सामने महबूब इतराते हुए खड़े थें..
ना मैंने अपनी पहचान दी, ना कोई
इशारा उनके तरफ़ रुखसत किया..
वो कयामत ढा ती रहीं और हम
कुछ पल मौसम का मजा लेते रहें..
बिना कुछ कहें उन्होंने पहचान लिया
नज़रों से नजरें मिली कई बातें हुई..
जानी पहचानी तकलीफ सीने में हुई,
ना हम उफ्फ कर पाए, ना अफसोस
सिलसिले बस ख़तम कर के आए हैं,
शायद हम फिर खूबसूरत गलती
आज दोहरा कर आए हैं..!
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