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#उसने_बताया..
#उसने_बताया..
शीशे का गुरुर तब तबाह हुआ
जब बैर किसी पत्थर से लिया,
हर पत्थर तब मौम बन गया
जब अश्क-ए-दिल से बह गया,
गौर करो, ना करों मेरी बातों पर
मैं सिर्फ अल्फ़ाज़ समेट गया,
कल मेरे इन पुराने पन्नों पर
धूल कुछ ज्यादा ही थी, उसने बताया..!
- ✍ मृदुंग®
kshanatch@gmail.com
+९१ ७३८७९ २२८४३
जब बैर किसी पत्थर से लिया,
हर पत्थर तब मौम बन गया
जब अश्क-ए-दिल से बह गया,
गौर करो, ना करों मेरी बातों पर
मैं सिर्फ अल्फ़ाज़ समेट गया,
कल मेरे इन पुराने पन्नों पर
धूल कुछ ज्यादा ही थी, उसने बताया..!
- ✍ मृदुंग®
kshanatch@gmail.com
+९१ ७३८७९ २२८४३
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