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Tuesday, August 8, 2017

कुछ इस तरहसे..! :-)


♥ क्षण..! ♥

कुछ इस तरहसे..

वक्त का सुरुर देखीये...
मुलाकाते होती थी
वक्त बितता नहीं गुजरता था..
अब वक्त मिलता नहीं..
मुलाकाते होती नहीं
और वक्त गुजरता तो है,
पर वक्त बितता नहीं..
शायद कुसुर अपना ही होगा
वरना बातें युं बातो बातो में
बनाई और बिगाडी नहीं होती..!
------------------------ ✍ मृदुंग®
kshanatch@gmail.com
73879 22843
कुछ इस तरहसे जिंदगी को मैने आसान कर लिया..
किसी को दफा कर दिया, किसी को आझाद कर दिया..!

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