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Friday, January 23, 2015

कशिश..! :-)

कशिश..!

कभी तो तनहा छोड दिया करो
मुझपर ये एहसान कर लिया करो,
क्यूं खा-म-खा शिकायते करते हो
कभी जवाब खुदसेभी पुछ लिया करो,

मुझ जैसे गलत आदमी की
गलतीया और मत बढा-वो,
जाकर किसी भले आदमी की
चौकट अपने कदमोंसे सजा-वो

एहसान कर दो मुझे तनहा छोडने का अब
शायद मेरी खामिया भी दिखेंगी तुम्हे तब,

किसी को आजमाने की कोशिश करते हैं सब
बता भी दो खुदको ढुंढने कि कशिश करोगे कब... ------------------- क्षण

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