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Monday, January 5, 2015

लोरी..! (हिंदी) :-)


♥ क्षण..! ♥

लोरी..! (हिंदी)

जरा चुपके से आजा इन आखियों में निंदीया
जा-कर जरा ख्वाबोंको चुरा ले आ तू बिंदिया,

देख ओढ रहीं हैं जो मॉं तुझपर यें आंचल
दौडी चली आ तू कहीं से निंद जैसे नदीया,

सिंच रहीं हुं मैं ये हर लम्हा बडे प्यार से
कोई फुल खिले तो दिखाऊं तुम्हे मैं बगिया,

जा ने कहां अब ये चांदनी भी खो गयी
पल भर में भुलाकर सारी उसकी दुनिया,

तितलीयों के ख्वाब जो बुने थें मैं ने कहीं
उन्हे देखने को तरस रहीं थीं नन्ही अखिया,

अब आजा रे तू निंदिया रे, उम्म्मम्म उम्म्मम्म....देख युं सता ना रे,
अब आजा रे तू निंदियॉं रे, उम्म्मम्म उम्म्मम्म...देख युं सता ना रे,
इन्ही पलकों पर, इन्ही पलों पर मैं ने;
साssरा मेरा आसमान हैं झुकाया..!
-----------------मृदुंग™
kshanatch@gmail.com

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